अमेज़न वर्षावन विश्व का सबसे बड़ा और सबसे घना उष्णकटिबंधीय जंगल है, जो लगभग 55 लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है और यह दक्षिण अमेरिका के नौ देशों—ब्राज़ील, पेरू, कोलंबिया, वेनेजुएला, इक्वाडोर, बोलिविया, गुयाना, सूरीनाम और फ्रेंच गयाना—में विस्तारित है, जिसमें अकेले ब्राज़ील में इसका लगभग 60% हिस्सा स्थित है। इस विशाल जंगल को “धरती के फेफड़े” की संज्ञा दी जाती है क्योंकि यह पृथ्वी की कुल ऑक्सीजन का लगभग 20% उत्पादन करता है और कार्बन डाइऑक्साइड जैसी हानिकारक गैसों को अवशोषित करके वायुमंडलीय संतुलन बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अमेज़न वर्षावन में जीव-जंतुओं और पौधों की असंख्य प्रजातियाँ पाई जाती हैं, जिनमें से कई केवल यहीं मिलती हैं—यहाँ 40,000 से अधिक पौधों की प्रजातियाँ, 400 से ज्यादा स्तनधारी, 1,300 पक्षी, 3,000 मछलियाँ, 400 से अधिक उभयचर और सरीसृप तथा लगभग 25 लाख कीटों की प्रजातियाँ मौजूद हैं। इस जंगल में गुलाबी अमेज़न डॉल्फिन, जगुआर, एनाकोंडा, स्लॉथ, पिरान्हा, टूकन और जहरीले मेंढ़क जैसे दुर्लभ जीव पाए जाते हैं। अमेज़न वर्षावन में बहने वाली अमेज़न नदी विश्व की दूसरी सबसे लंबी और सबसे बड़ी जलधारा वाली नदी है, जो हजारों सहायक नदियों के साथ मिलकर पूरे क्षेत्र को पोषण देती है और यहाँ की जलवायु को नम व जीवंत बनाए रखती है। यह वर्षावन न केवल जैव विविधता के लिए बल्कि पृथ्वी की जलवायु व्यवस्था के लिए भी अत्यंत आवश्यक है, क्योंकि यह दुनिया के मीठे जल का लगभग 20% प्रदान करता है और तापमान को नियंत्रित करता है। लेकिन चिंता की बात यह है कि इस अमूल्य धरोहर पर वनों की अंधाधुंध कटाई, अवैध खनन, तेल उत्खनन, पशुपालन, आगजनी और जलवायु परिवर्तन का गंभीर संकट मंडरा रहा है; हर साल हजारों वर्ग किलोमीटर जंगल खत्म हो रहे हैं जिससे हजारों वन्य प्रजातियाँ विलुप्ति की कगार पर पहुंच रही हैं और स्थानीय आदिवासी समुदायों का जीवन भी संकट में पड़ रहा है। विशेष रूप से ब्राज़ील में औद्योगिकरण और कृषि विस्तार के नाम पर वनों की कटाई तेजी से हो रही है, जिससे अमेज़न की पारिस्थितिकी नष्ट हो रही है और वैश्विक जलवायु परिवर्तन को बढ़ावा मिल रहा है। अंतरराष्ट्रीय पर्यावरण संगठन जैसे WWF, ग्रीनपीस, और संयुक्त राष्ट्र के विभिन्न निकाय अमेज़न को बचाने के लिए प्रयासरत हैं, लेकिन जब तक वैश्विक स्तर पर सरकारें और आम जनता जिम्मेदारी नहीं लेंगी, तब तक इस जीवनदायिनी जंगल को बचाना कठिन होता जाएगा। स्थानीय आदिवासी जनजातियाँ, जो सदियों से इस जंगल में रहती आई हैं, अमेज़न की रक्षा में अहम भूमिका निभा रही हैं, क्योंकि वे प्रकृति के साथ सामंजस्य से जीवन जीती हैं और जंगलों का दोहन नहीं करतीं। आज अमेज़न केवल एक भौगोलिक क्षेत्र नहीं, बल्कि पूरी मानवता की विरासत है; इसके संरक्षण के बिना धरती पर जीवन का संतुलन बनाए रखना कठिन होगा। इसीलिए ज़रूरत है कि हम सभी मिलकर वृक्षारोपण करें, प्लास्टिक और कार्बन उत्सर्जन कम करें, पर्यावरण के प्रति सजग हों और सरकारों पर दबाव डालें कि वे विकास की दौड़ में प्रकृति का विनाश न करें। यदि अमेज़न का अस्तित्व संकट में है, तो समझिए कि हमारा भविष्य भी असुरक्षित है।
❓ 1. अमेज़न वर्षावन कहां स्थित है?
उत्तर: अमेज़न वर्षावन दक्षिण अमेरिका के 9 देशों में फैला है, जिसमें ब्राज़ील, पेरू, कोलंबिया, वेनेजुएला, इक्वाडोर, बोलिविया, गुयाना, सूरीनाम और फ्रेंच गयाना शामिल हैं। इसका सबसे बड़ा हिस्सा ब्राज़ील में है।
❓ 2. अमेज़न को “धरती के फेफड़े” क्यों कहा जाता है?
उत्तर: क्योंकि यह जंगल बड़ी मात्रा में कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करता है और वैश्विक ऑक्सीजन उत्पादन में लगभग 20% योगदान देता है, जिससे यह पृथ्वी की जलवायु को संतुलित करता है।
❓ 3. अमेज़न वर्षावन में कौन-कौन से जीव पाए जाते हैं?
उत्तर: यहाँ जगुआर, गुलाबी डॉल्फिन, एनाकोंडा, पिरान्हा, टूकन पक्षी, जहरीले मेंढ़क, स्लॉथ और लाखों कीटों सहित 40,000 से अधिक पौधों व हजारों जीवों की प्रजातियाँ पाई जाती हैं।
❓ 4. अमेज़न जंगल को क्या खतरे हैं?
उत्तर: वनों की कटाई, अवैध खनन, आगजनी, पशुपालन, तेल उत्खनन और जलवायु परिवर्तन जैसे मानवीय कारण अमेज़न के लिए बड़े खतरे बन चुके हैं।
❓ 5. हम अमेज़न वर्षावन को कैसे बचा सकते हैं?
उत्तर: जागरूकता फैलाकर, वन संरक्षण संगठनों का समर्थन करके, वृक्षारोपण करके, पर्यावरण अनुकूल जीवनशैली अपनाकर और सरकारों पर दबाव डालकर कि वे विकास के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण को भी प्राथमिकता दें।